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आँखें शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और नाजुक अंग हैं। यह हमारे सभी इन्द्रियों में से सर्वश्रेष्ठ इन्द्रिय है।हमारी आँखें ही इस वैविद्ध्य्पूर्ण संसार से हमारा परिचय कराती है।आँखों के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

इसलिए इस महत्वपूर्ण अंग को विभिन्न संक्रमणों से दूर रखना और इसकी देखभाल करना अत्यावश्यक है। आँखों के संक्रमण के मुख्य कारण छोटे जीवाणु होते हैं जो बदलते मौसम में आँखों को अधिक प्रभावित करते है।

खराब लेंस पहनने से या फिर आँखों में गंदगी चले जाने से या गंदे हाथों से आँखों को मसलने से भी आँखों का संक्रमण हो सकता हैं।इस तरह के संक्रमण से आँखों के ऊपर एक परत बन जाती है जिससे देखने में असुविधा होती है।साथ ही जलन और खुजली जैसी समस्या भी उत्पन्न होती हैं। ऐसी स्थिति में आप कुछ घरेलू उपायों द्वारा इस तरह के संक्रमण से निजात पा सकते हैं।

नमकवाले पानी का प्रयोग : नमक वाले पानी से आँखों को धोने से आँखों के ऊपर जमने वाली परत हट जाती है। एक कप पानी में एक चम्मच नमक लेकर  उसे गर्म कर ले, फिर उसे ठंडा होने दे।उसके बाद रुई को उस पानी में भिगोये और हलके हाथों से अपनी आँखों को पोंछे।इससे आँखों में जमी गंदगी निकल जायेगी।

गुलाब जल का उपयोग : गुलाब जल से आँखों को धोने से आँखों का संक्रमण कम हो जाता है।रोजाना दिन में दो बार गुलाब जल की दो बूंदे आँखों में डालने से आँखें साफ और ठंडी रहती हैं।

आँवले का रस : आँखों के संक्रमण से बचने के लिए आँवले का रस पीना अत्यन्त लाभदायक होता है।दो से तीन आँवले के गूदे को पीसकर रस निकालकर उसे एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से आँखें स्वस्थ रहती हैं।

शहद और पानी : आँखों का संक्रमण होने पर शुद्ध शहद से आँखों को धोने से आँखें साफ होती है।एक गिलास पानी में शुद्ध शहद मिलाकर उससे आँख धोने से संक्रमण से होने वाली जलन कम हो जाती है।

आलू और खीरा : आलू में स्टार्च (Starch) की मात्रा अधिक होने से यह आँखों के संक्रमण को ठीक करने में सहायक होता है।खीरा आँखों को ठंडक पहुँचाने में मदद करता है।एक आलू को पतले-पतले गोलाकार रूप में काट ले और रात को सोने से पहले उस कटे हुए आलू को अपनी आँखों के ऊपर 10-15 मिनट तक रखे।यही प्रक्रिया आप खीरे के साथ भी कर सकते।

विभिन्न नेत्र रोग और उनके घरेलू उपचार

आँखों के संक्रमण

कमजोर दृष्टि : आँखों के संक्रमण के कारण और पौष्टिक आहार के अभाव के कारण, विशेषकर विटामिन ए की कमी के कारण आँखों की ज्योति में क्षीणता उत्पन्न हो जाती है जिससे दृष्टि कमजोर हो जाती है और यह कमजोरी निकट और दूरदृष्टि दोष के रूप में भी परिलक्षित हो सकती है।इस समस्या से निजात पाने के लिए यहां दिए गए घरेलू नुस्खों का प्रयोग कर सकते हैं :

  1. संतरा : दो मीठे संतरों का रस निकालकर उसमें एक चौथाई चम्मच काली मिर्च का पाउडर मिलाकर लगभग एक महिने तक पीने से दृष्टि पुनः सबल हो जाती है।
  2. आँवला : आँवले के प्रयोग से आँखों की दृष्टि बढ़ती है।एक गिलास पानी में लगभग छह ग्राम सूखा आँवला रात भर भीगोकर रखे, फिर सुबह उसी पानी को छानकर उससे आँखों को धोएं। इससे आँखों के समस्त रोग दूर होने के साथ नेत्र ज्योति में भी वृद्धि होती है।
  3. पालक और गाजर का रस :पालक और गाजर के रस आँखों के संक्रमण के लिए लाभदायक होता है। इनमें पाये जाने वाले विटामिन आँखों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।पालक के चार या पांच पत्तियों को पीसकर उसका रस निचोड़ ले साथ ही एक गाजर को भी पीसकर रस निकाल ले।अब आधे गिलास पानी में गाजर और पालक के रस को मिलाकर पिये।ऐसा रोजाना करने से आँखों की समस्या नहीं होती, संक्रमण की संभावना भी कम होती है और नेत्र-ज्योति में भी वृद्धि होती है।

आँखों में निरंतर पानी आना : शरीर में पौष्टिक आहार की कमी और आँखों की उचित देखभाल के अभाव में आँखों से निरंतर पानी बहता रहता है और कभी-कभी यह इतना बढ़ जाता है पपोटे भी सूज जाते हैं।ऐसे में नीचे दिए गए घरेलू उपायों को अपनाये :

  1. अमरुद : अमरुद को आग में सेंककर खाने से आँखों में अत्यधिक पानी आना कम हो जाता है।
  2. त्रिफला : त्रिफला का चूर्ण बनाकर आँखों में लगाने से आँखों में पानी आने की समस्या कम हो जाती है।
  3. बादाम : बादाम को पीसकर, दूध के साथ मिलाकर पीने से आँखों में अत्यधिक पानी आना कम हो जाता है।
  4. अंगूर : आँखों से निरंतर पानी बहने से आँखों में दर्द भी होने लगता है, ऐसे में आँखों में एक से दो बूंद अंगूर का रस डालने से आँखों का दर्द कम हो जाता है साथ ही पानी बहना भी बंद हो जाता है।

आँखों की सूजन :आँखों में धुआँ लगने से, धूल-मिट्टी पड़ने से, नजदीक से पढ़ने से, नशीले पदार्थों का सेवन करने से आँखों में सूजन हो जाता है तथा तेज खुजली होती है।यहां दिए गए घरेलू नुस्खों को अपनाने से आँखों की सूजन कम होती है :

  1. गाजर : गाजर को महीन पीसकर आँखों पर लगाने से सूजन में आराम मिलता है और आँखों की खुजली भी कम होती है।
  2. त्रिफला : त्रिफला को रात भर पानी में भीगोकर उस पानी से सुबह आँखे धोने से आँखों की सूजन कम हो जाती है।
  3. आँवला : आँवले को रात भर पानी में भीगोकर रखे, फिर सुबह उसे पीसकर पलकों पर मरहम की तरह लगाने से आँखों की सूजन कम होती है और आँखों को आराम भी मिलता है।

रतौंधी : विटामिन ए की कमी के कारण रतौंधी की समस्या उत्पन्न हो सकती है जो आँखों का एक प्रमुख रोग है।इसके कारण व्यक्ति को रात्रि के समय दिखाई देना बंद हो जाता है।इस रोग से मुक्ति के लिए यहां दिए गए घरेलू नुस्खों को अपनाये :

  1. केला : केले के पत्तों का रस आँखों पर लगाने से रतौंधी दूर हो जाती है।
  2. पालक : पालक में विटामिन ए की मात्रा अधिक है अतः इसका सेवन रतौंधी के लिए लाभदायक होता है।
  3. आँवला और गाजर : रतौंधी होने पर रोजाना एक आँवले का सेवन अवश्य करे।इसके अतिरिक्त सुबह-शाम नियमित रूप से गाजर का रस पीने से भी रतौंधी में फर्क पड़ता है।
  4. सेब : हर सुबह एक सेब चबा-चबाकर खाना भी रतौंधी के लिए लाभदायक होता है।
  5. बेल : बेल पत्ते का रस पीने से तथा बेल पत्ते का रस पानी में मिलाकर आँखों की पुतलियों को धोते रहने से कुछ ही दिनों में रतौंधी में फर्क पड़ता है।

मोतियाबिंद : प्रायः वृद्धावस्था में मोतियबिंद की शिकायत आम होती है।इस रोग में आँखों की पुतली के ऊपर एक जाला पड़ जाता है जिसके कारण दिखाई देना कम या बंद हो जाता है।‌‍यह जाला धीरे‌‍-धीरे बढ़ता जाता है और इसके कारण व्यक्ति अँधा भी हो सकता है।इससे बचाव के लिए यहां दिए गए घरेलू उपायों को अपनाया जा सकता हैं।

  1. नारियल : आँखों के लिए नारियल बेहद लाभदायक है।मोतियाबिंद होने पर कच्चे नारियल के नियमित सेवन से लाभ होता है।
  2. शहद और आंवला : प्रतिदिन शहद के साथ ताजे आँवले का सेवन करने से मोतियाबिंद में फर्क पड़ता है।
  3. बादाम : रात में बादाम भीगोकर रखे फिर सुबह उसे पीसकर खाने से भी मोतियाबिंद में फर्क पड़ता है।

उपर्युक्त घरेलू नुस्खों के अतिरिक्त यदि हम पहले से ही अपनी आँखों के प्रति सावधानियाँ बर्ते तो हम आँखों के संक्रमण तथा विभिन्न नेत्र रोगों से बच सकते हैं, जैसे :

  • आँखों को तेज रोशनी, धूल, धुएं से बचाकर रखना चाहिए।
  • बहुत दूर और बहुत पास की वस्तुओं या बारीक अक्षरों को घूरकर नहीं देखना चाहिए।
  • आँखों को अत्यधिक गर्म पानी से बिल्कुल नहीं धोना चाहिए।
  • कम रोशनी में कदापि नहीं पढ़ना चाहिए।
  • अत्यधिक नींद आने पर आँखों से जबरदस्ती कार्य नहीं करवाना चाहिए।
  • मल, मूत्र, छींक, खाँसी के वेग को नहीं रोकना चाहिए।
  • शोक, संताप और चिंता से बचना चाहिए।
  • अँधेरे कक्ष से अचानक तेज धूप या तेज रोशनी में नहीं निकलना चाहिए।
  • आँखों को तेज हवा और तेज धूप से बचाना आवश्यक है, अतः वाहन चलाते समय आँखों पर चश्मा जरुर लगाना चाहिए।
  • अत्यधिक मात्रा में रोने से आँखें कमजोर होती है, अतः ऐसी स्थिति से भी बचना चाहिए।
  • अधिक देर तक टी.वी देखने, मोबाइल फोन का प्रयोग करने, कंप्यूटर पर काम करने से भी आँखों की समस्या उत्पन्न हो सकती है।अतएव हमें इन सबका प्रयोग जरुरत से ज्यादा नहीं करना चाहिए।
  • रोजाना आँखों को स्वच्छ पानी से धोने से आँखों की रोशनी बढ़ती है।
  • आँखों के लिए कुछ छोटे-छोटे व्यायाम हैंजिन्हें आप कहीं भी और कभी कर सकते है।ऐसा ही एक छोटा-सा व्यायाम है।अपनी आँखों को धीरे से बंद करके पुतलियों को पहले दस बार सीधे (Clockwise) गोल-गोल घुमाएँ उसके बाद फिर से दस बार उल्टा (Anti clockwise) घुमाएँ।इससे आपकी आँखें स्वस्थ रहेंगी।
  • अच्छी नींद भी आँखों के लिए जरुरी है। दिन में कम से कम 6-8 घंटे जरुर सोना चाहिए।इससे शरीर के साथ आपकी आँखें भी स्वस्थ रहेंगी।
  • इन सबके अतिरिक्त सबसे महत्वपूर्ण यह है कि नियमित रूप से साल में एक से दो बार अवश्य ही आँखों के डॉक्टर से चेकप (Check up) करवाना चाहिए
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