आज हम आप तो बतायंगे क्या होती है बेहोशी. बेहोशी या मूर्च्छा मानव शरीर की वह स्थिति है जिसमें उसकी चैतन्य शक्ति और मांसपेशियो की शक्ति समाप्त हो जाती है।
यह स्थिति तब होती है जब शरीर में किसी बाहरी या अंदरूनी चोट के कारण बहुत ज्यादा रक्तस्राव होता है; किसी प्रकार के शॉक से अचानक हृदय पर दबाव पड़ता है, तापमान कम हो जाता है, शरीर को झटका लगता है या कोई अचानक गिर जाए तो भी बेहोशी की स्थिति होती है।
बेहोशी कभी-कभी किसी बीमारी के कारण भी हो जाती है। बेहोशी के लक्षण में चेहरे एवम होंठो पर अस्वाभाविक पीलापन उत्पन्न हो जाता है। शरीर की त्वचा ठंडी एवम चिपचिपी हो जाती है। बेचैनी और थकावट महसूस होना बेहोशी से पहले आम बात है। सर का चकराना, दृष्टि भ्रम होना यह सब लक्षण बेहोशी के होते हैं।
निम्नलिखित ये कुछ कारक है बेहोशी के:-
लो ब्लडप्रेशर
बेहोशी का मेन कारण लो ब्लडप्रेशर बताया जाता है यह आमतौर पर विशेष रूप से उन लोगों को ज्यादा होता है जो 65 से अधिक आयु वर्ग के होते हैं।
निर्जलीकरण
जब आपके शरीर निर्जलित हो जाता है, आपके खून में तरल पदार्थ की मात्रा कम हो जाती है और ब्लड प्रेशर में कमी हो जाती है।इससे बेहोशी का खतरा बढ़ जाता है।
मधुमेह
आप एक मधुमेह रोगी हैं तो आपके बेहोश होने के चांसेज ज्यादा हैं क्योंकि डायबेटिक होने पर आपको यूरिन ज्यादा आएगा जिससे आपको निर्जलीकरण होने का खतरा ज्यादा बना रहता है।
दिल की बीमारी
दिल की बीमारी भी बेहोश होने का एक प्रमुख कारण माना जाता है, क्योंकि ऐसा होने पर आपके दिमाग को होने वाली खून की सप्लाई बाधित हो जाती है। बेहोशी के इस प्रकार के लिए मेडिकल टर्मेनोलॉजी में कार्डियक सिंनकॉप कहा जाता है।