वर्ल्ड डायबिटीज डे २ ० १ ९ : भारत में लगातार बढ़ रहा है डायबिटीज का खतरा जानिए इसके बारे में

शरीर की कमजोरी के लक्षण, दूर करने के अचूक उपाय

जाने वासना, प्रेम व मोह के बीच फर्क

Dark Light

हमारे देश में डायबिटीज की बीमारी साल दर साल तेजी से बढ़ रही है। डायबिटीज, मधुमेह या शुगर एक ऐसी बीमारी है, जिससे दुनियाभर के लोग परेशान हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि हम लोग इस बीमारी को लेकर बिलकुल भी जागरूक नहीं हैं।

आज यानी कि 14 नवंबर को इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (आईडीएफ) द्वारा “वर्ल्ड डायबिटीज डे” दुनियाभर में मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य डायबिटीज और इसके उपचार के बारे में जागरुकता फैलाना है। इस बीमारी के लिए हमारी बदली हुई जीवनशैली भी काफी जिम्मेदार है।

अपनी दिनचर्या और काम में हम इतने व्यस्त हो गये हैं कि प्रतिदिन शारीरिक श्रम करने के लिए हमारी जिन्दगी में कोई जगह ही नहीं बची है। लेकिन अगर आप इस गंभीर समस्या से बचने के लिए एक स्वस्थ दिनचर्या अपनायेंगे तो आप जीवनभर इस बीमारी से सुरक्षित रह सकते हैं।

तो चलिए इस बीमारी से जुड़े कारणों, प्रभावों और बचाव के उपायों के बारे में जानते हैं।

जानें क्या है डायबिटीज-

जब हमारे शरीर में इंसुलिन ना बनने के कारण खून में शुगर की मात्रा एक तय सीमा से ज्यादा हो जाती है तो इसे डायबिटीज या मधुमेह कहते हैं।

इंसुलिन एक तरह का हॉर्मोन होता है जो हमारे शरीर में शुगर यानी कि शर्करा को पचाकर ऊर्जा में परिवर्तित करता है। आमतौर पर महिलाओं की अपेक्षा ये बीमारी पुरुषों में ज्यादा होती है। इस रोग के होने की संभावना 35-60 वर्ष की उम्र के बीच सबसे अधिक होती है।

डायबिटीज के प्रकार-

डायबिटीज मुख्यतः 2 प्रकार की होती है।

टाइप-1 डायबिटीज- ये बच्चों और 20 साल से कम उम्र में होती है। टाइप-1 के लक्षण जैसे बच्चे को ज्यादा पेशाब आना, ज्यादा भूख लगना, अचानक वजन कम होना आदि हैं।

टाइप-2 डायबिटीज- ये मध्य आयु वर्ग जैसे 35 वर्ष के बाद और बुजुर्गों में होती है। अक्सर ये लोग मोटे होते हैं। लगभग 50 प्रतिशत मरीजों में इसके शुरूआती लक्षण नहीं दिखते हैं। इसीलिए इसे साइलेंट किलर भी कहते हैं।

जानें इस रोग के लक्षणों के बारे में-

डायबिटीज होने पर रोगी में मुख्यतः ये लक्षण देखने को मिलते हैं।

  • बहुत जल्दी-जल्दी पेशाब आना।
  • पेशाब के तुरंत बाद प्यास लगना।
  • आंखों की रौशनी कम होना।
  • लगातार भारीपन महसूस होना।
  • चोट लगने पर जल्दी से ठीक ना होना।
  • त्वचा संबंधी दिक्कतें जैसे इंफेक्शन या फोड़े-फुंसी आदि होना।
  • हाथ-पैर या गुप्तांगों पर खुजली होने से जख्म बन जाना।

डायबिटीज से बचने के लिए अपनाएं ये सावधानियां-

अभी तक डायबिटीज का कोई भी स्‍थायी उपचार नहीं है। इसलिए अच्छा होगा कि आप ये सावधानियां जरूर बरतें। इस बीमारी से बचने के लिए आपको अपनी जीवनशैली बदलने की जरूरत है।

  • शरीरिक तौर पर सक्रिय रहें। प्रतिदिन नियमित रूप से योग, व्‍यायाम या वॉक जरूर करें।
  • अपना वजन नियंत्रित रखें। ज्यादा तला-भुना और फैटयुक्त पदार्थों का सेवन ना करें।
  • चीनी और मैदा से बने खाद्य पदार्थों का उपयोग कम ही करें।
  • मानसिक तौर पर भी अपने आप को खुश, शांत और स्वस्थ रखें।
  • चोट लगने पर किसी भी तरह के घाव को खुला ना छोड़ें।
  • अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो नियमित शुगर की जांच करायें।
प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Related Posts