Tulsi Ke Fayde – तुलसी एक बहुत ही खास औषधि वाला पौधा है, जो कई प्रकार की बीमारियों को ठीक करने में सक्षम है। हिन्दू धर्म में तो इस पौधे को एक खास जगह दी गई है।
इस पोस्ट में हम बताने जा रहे हैं कि तुलसी से हमें कौन-कौन से फायदे हैं (Tulsi ke Fayde). इसके अलावा हम आपको तुलसी के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां देंगे।
तुलसी का अंग्रेज़ी – Meaning of Tulsi in English
इस आर्टिकल में आगे बढ़ने से पहले हम ये जान लेते हैं कि तुलसी का अंग्रेज़ी (Tulsi ka English) क्या
होता है। तो बता दें कि तुलसी को अंग्रेज़ी में Basil कहा जाता है।
तुलसी के प्रकार – Types of Basil in Hindi
अब हम यह जान लेते हैं कि तुलसी के प्रकार कितने (Types of Tulsi in Hindi) होती है।
तुलसी मुख्य रूप से पांच प्रकार की होती है – (1) राम तुलसी, (2) श्याम तुलसी, (3) श्वेत/विष्णु तुलसी, (4) वन तुलसी, और (5) नींबू तुलसी।
यदि तुलसी के इन पांचों प्रकारों को मिलाकर इनका अर्क निकाल लिया जाए, तो यह पूरी दुनिया की सबसे असरदार तथा बेहतरीन औषधि बन सकती है। यह एक एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल, एंटी-बायोटिक, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इफ्लेमेन्ट्री, एंटी-फ्लू व एंटी–डिजीज की तह अपना काम शुरू कर देती है।
तुलसी के बेहतरीन फायदे (Benefits of Tulsi in Hindi)

तुलसी के फायदे – तुलसी के निम्नलिखत फायदे हैं, जो आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकते हैं –
(1) अक्सर ऐसा होता है कि ज़्यादा काम कर लेने या फिर तनाव (Stress) के कारण सिर में दर्द होने लगता है। ऐसे में आप तुलसी के तेल की एक दो-बूंदों को अपनी नाक में डालें। इसके द्वारा पुराने से पुराना सिरदर्द और सिर से जुड़ी अन्य बीमारियों (Diseases) में लाभ मिलता है।
(2) तुलसी दिमाग के लिए भी काफी फायदेमंद होती है। यदि आप तुलसी का रोजाना सेवन करें तो इससे आपके मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ने के साथ ही याददाश्त (Memory) भी तेज़ होती है। इसके लिए आप हर रोज़ तुलसी की 4-5 पत्तियां पानी के साथ निगलकर खा लें।
(3) दांतों के दर्द के लिए भी तुलसी बहुत गुणकारी मानी गई है। दांतों के दर्द में राहत पाने के लिए आप काली मिर्च व तुलसी के पत्तों की गोली बनाकर अपने दांत (Teeth) के नीचे रख लें। ऐसा करने से आपको दर्द में काफी राहत मिलेगी।
(4) तुलसी की पत्तियां अस्थमा के रोगियों तथा सूखी खांसी वाले मरीजों के लिए भी बहुत फायदेमंद हैं। इसके लिए आप तुलसी की मंजरी, प्याज का रस, सोंठ तथा शहद (Honey) को मिला लें और इस मिश्रण को चाटें। इसका सेवन करने से सूखी खांसी व दमे में फायदा होता है।
(5) रतौंधी यानी रात में ठीक से दिखाई न देना। तुलसी की पत्तियों के लाभ रतौंधी में भी देखे जा सकते हैं। यदि आप भी इस परेशानी से जूझ रहे हैं तो इसके लिए आप तुलसी-पत्र-स्वरस की दो से तीन बूँद दिन में 2-3 बार अपनी आंखों (Eyes) में डालें। ऐसा करने से लाभ होगा।