प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) में होने वाली समस्याएं और इनसे बचाव

खाने में बैंगन खाएं और अपने आपको इन बीमारियों से बचाएं

गर्भावस्था के दौरान इन बातों का ध्यान जरुर रखें

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प्रेग्नेंसी को लेकर महिलाओं के मन में कई तरह की चिंताएं होती हैं। नई मां और नए बाप बनने वाले लोग तो और डरे होते हैं क्योंकि जीवन का यह पहला अनुभव होता है।

महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान हार्मोंस बदलने के कारण कुछ न कुछ परेशानियां जैसे सिरदर्द, उच्च रक्तदाब, कुछ विशिष्ट खाद्य पदार्थ खाने की इच्छा होना और गले में खराश जैसी समस्याएं होती रहती हैं। जिनके प्रति थोड़ा सजक रहने की जरूरत होती है। वैसे तो ये समस्याएं स्वभाविक रूप से ही समाप्त हो जाती हैं।

लेकिन यदि परेशानी ज्यादा हो रही हो तो निश्चित ही डॉक्टर से सलाह जरूर लें। तो आइये आज हम आपको प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) की उन परेशानियों के बारे में बताया जा रहें हैं और साथ ही ये भी बताते हैं कि इन समस्याओं से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है।

जानें क्या हैं प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) में होने वाली आम समस्याएं (Common Problems during Pregnancy)

कब्ज या गैस होना (Constipation or Gas Problems)

गर्भकाल के दौरान महिलाओं को अक्सर कब्ज या गैस की शिकायत हो जाती है। इससे बचने के लिए हमेशा शौच जाने से पहले ताजा पानी जरुर पीना चाहिए। कब्ज या गैस से छुटकारा पाने में सुबह-सुबह मोर्निंग वाक भी काफी कारगर सिद्ध हो सकता है।

कब्ज से निजात पाने के लिए एक नींबू के रस को एक गिलास पानी में मिलाकर ऊपर से चार चम्मच शहद मिलाकर पी लें इससे कब्ज की शिकायत दूर हो जायेगी। साथ ही खाने में हरी सब्जी, चोकर युक्त आटा, आदि का सेवन करें। रात में ईसबगोल की भूसी को दूध के साथ सेवन करें। यदि तब भी कब्ज की समस्या हो रही हो तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

उल्टी होना (Vomit Problem )

उल्टी होना प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) में होने वाली एक बहुत आम समस्या है और इसका सामना लगभग प्रत्येक महिला को करना पड़ता है। कई बार भोजन करने के बाद कुछ महिलाओं को तुरंत उल्टियाँ होनी शुरू हो जाती हैं। अतः बेहतर होगा के आप खाना खाने के आधे घंटे पहले थोड़ा विश्राम कर लें।

साथ ही खाने में रेशेदार सब्जी लें और रोटी को बेहद चबाकर और आराम से खायें। साथ ही ध्यान रखें की खाना खाने के दौरान पानी कम ही पीयें तो बेहतर होगा। इसके बाद भी यदि यह समस्या बहुत अधिक बढ़ जाए तो किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह जरुर लें।

जी मिचलाने की समस्या (Nausea Problem)

प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) के 2-3 महीने बाद सुबह-सुबह 1-2 घंटों के दौरान जी मिचलाने की समस्या है। इस दौरान जो महिलाएं चाय का सेवन करती हैं वे चाय के साथ बिस्कुट जरूर लें। सुबह भुने चने, आलू चिप्स, बिस्कुट आदि खा लेने से यह शिकायत नहीं रहती।

यदि जी मिचलाना ठीक ना हो तो आप लौंग या इलायची आदि ले सकती हैं। इसमें नींबू का पानी या शर्बत, कैरी (आम) का पना तथा अन्य ठण्डे पेय पदार्थ काफी राहत पहुंचाते हैं।

सीने में जलन होना (Chest burn Problem)

छाती में पित्त बढ़ने के कारण कुछ स्त्रियों को प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) के दौरान सीने में जलन की शिकायत हो जाती है। देर रात को भोजन करना, अधिक देर तक बैठे रहना आदि भी इसकी मुख्य वजह हो सकती हैं। सीने में जलन की तकलीफ नींबू पर काला नमक लगाकर चूसने से दूर जाती है।

सीने में जलन की समस्या से बचने के लिए आपको तेल वाली चीजों से परहेज करना चाहिए और नींबू पानी पीना चाहिये।

हाथ-पैरों में सूजन की समस्या (Problem of Swelling in hands and feet)

प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) के लगभग 4–5 महीने बाद गर्भवती महिलाओं के हाथ-पैरों में सूजन की समस्या बढ़ जाती है और शरीर का वजन बढ़ने लगता है। जिसका मुख्य कारण शरीर का जलीय भाग का नीचे की ओर उतर आना और अधिक देर तक खड़े रहना है।

इसलिए अधिक देर तक खड़े न रहें और आवश्यक काम भी हो तो बैठकर ही करें। साथ ही पैरों को ठण्डे पानी में पिंडलियों तक डुबोकर कुछ देर बैठें। इससे टांगों का तनाव और सूजन कम होगी और पैरों को आराम मिलेगा।

पेट दर्द की समस्या (Stomach Pain Problem)

प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) के लगभग 5 महीने के बाद कभी-कभी पेट दर्द की समस्या होने लगती है क्योंकि इस दौरान योनी बच्चे के लिए जगह बना रही होती है। लेकिन यह दर्द ज्यादा परेशान करे तो किसी अच्छे डाक्टर को दिखाकर चेकअप जरुर करवाएं।

पीठ में दर्द होने की समस्या (Back Pain Problem)

वजन बढ़ने के कारण महिलाओं को प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) के दौरान पीठ में दर्द होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसका कारण है जैसे-जैसे पेट में भ्रूण बढ़ता है तो उसका भार और आकार भी बढ़ता है। जिसकी वजह से मांसपेशियों में खिंचाव होता है और पीठ में दर्द होता है।

इससे घबराने की जरूरत नहीं है। पीठ में दर्द होने पर मालिश करवा लें इससे मांसपेशियां तनाव रहित हो जाती हैं और दर्द ठीक हो जाता है। साथ ही ये भी याद रखें कि प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) के दौरान आरामदायक जूते पहनें तथा भारी वस्तुएं भूलकर भी ना उठायें।

नींद ना आने की समस्या (Sleeplessness Problem)

प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) के दौरान हार्मोंस में परिवर्तन, तनाव या फिर समस्याओं और असुविधा के कारण नींद ना आने की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है। इससे बचने के लिए अपने मन को प्रसन्न रखें, दिन-रात अच्छे विचारों को मस्तिष्क में लायें।

चिंता, जलन, ईर्ष्या, द्वेष, क्रोध, चिड़चिड़ापन और आलस्य आदि विकारों को त्याग दें। ध्यान रहे कि इस समस्या से निपटने के लिए कैफीन, अल्कोहल और वसा युक्त पदार्थों के सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

ज्यादा थकान की समस्या (Fatigue Problem)

प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) के दौरान थकान की समस्या से बचने के लिए पर्याप्त नींद लें। थकान की समस्या का कारण एनीमिया भी हो सकता है। एनीमिया से बचने के लिए आयरन से भरपूर आहार लें और अपने शरीर को पूरा रेस्ट दें।

प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) के दौरान कुछ अन्य गंभीर समस्याएं (Some serious Problems during Pregnancy)

प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) के दौरान कभी-कभी कुछ ऐसी गम्भीर परिस्थितियां भी सामने आ जाती हैं कि जिनको कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरन्त डाक्टर की सहायता लेना ही आवश्यक और उचित होता है। इसी तरह की कुछ परिस्थितियों के बारे में हम आपको बताते हैं।

  • लगातार कई बार रह-रह कर उल्टी आना।
  • चेहरे और आखों पर अधिक सूजन आ जाना।
  • पेट में लगातार बहुत तेज दर्द होना।
  • योनि मार्ग से बहुत अधिक मात्र में रक्त निकलना।
  • आखों में धुंधला दिखना और चक्कर आना।
  • लगभग ३ महीने बाद भी बच्चे की कोई गतिविधि महसूस ना होना।
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