16 से लेकर 22 सितंबर तक ”मेनिन्जाइटिस अवेयरनेस वीक” (meningitis awareness week 2019) सेलिब्रेट किया जाता है। हर साल इस बीमारी के प्रति एक अलग पहलू पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, ताकि मेनिन्जाइटिस से प्रभावित लोगों के प्रति समर्थन पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।
मेनिन्जाइटिस (meningitis awareness week 2019) से पूरी दुनिया में लाखों लोग हर साल प्रभावित होते हैं। मेनिन्जाइटिस को दिमागी बुखार भी कहा जाता है। यह मुख्य रूप से वायरस, बैक्टीरिया, परजीवी आदि के कारण होता है।
क्या है मेनिन्जाइटिस ?
मेनिन्जाइटिस को मस्तिष्क ज्वर या दिमागी बुखार (what is meningitis) भी कहते हैं। यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को कवर करने वाली सुरक्षात्मक झिल्ली या मेंब्रेन की एक गंभीर सूजन है, जिसे सामूहिक रूप से मेनिन्जेस के रूप में जाना जाता है। यह एक तरह का इंफेक्शन है।
अक्सर लोगों को समझ नहीं आता कि मेनिन्जाइटिस होने के लक्षण क्या हैं। इससे पहले कि इस बुखार का असर आपके दिमाग के लिए अधिक घातक साबित हो जाए, तो इसके कुछ लक्षणों और संकतों को पहचानकर इसका इलाज जरूर करवाएं।
मेनिन्जाइटिस को इन लक्षणों से पहचानें
– यदि आपको अचानक बुखार हो जाए और काफी कंपकंपी महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज ना करें। हालांकि, बुखार कई अन्य कारणों से भी हो सकता है, पर मेनिन्जाइटिस के लक्षणों में से एक होता है अचानक बुखार होना।
बुखार रहे और लगातार ठंड लगे, शरीर का तापमान बढ़ता जाए, तो अलर्ट हो जाएं। खासकर, जब बच्चों में ये सभी लक्षण (meningitis symptoms) नजर आएं, तो तुंरत डॉक्टर के पास जाएं।
– मेनिन्जाइटिस होने पर कई बार तेज सिर दर्द होता है। यह कई बार इतना तेज होता है कि बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है।
– यह बुखार होने पर पीड़ित व्यक्ति अपनी दृष्टि पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है। इससे हर चीज धुंधली और दोहरी दिखाई देती है। ऐसा हो आपके साथ तो, डॉक्टर से मिलें।
– भूख मर जाती है। कुछ भी खाने की इच्छा नहीं होती है। लगातार उल्टी, मितली, पेट दर्द रहने लगता है।
– तेज रोशनी के संपर्क में आने पर आंखों से पानी आने लगता है। इससे सिर दर्द होने की आशंका बढ़ जाती है।
– कई बार रोगी को त्वचा पर चकत्ते या रेड रैशेज हो जाते हैं।
Source: ThehealthsiteHinidi