हमारे देश में प्रदूषण की मात्रा दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। हर तरफ प्रदूषण का प्रकोप साफ देखा जा सकता है। जिसके कारण हम सभी कई बीमारियों का शिकार होते जा रहे हैं।
प्रदूषण से हमें होने वाले दुष्प्रभावों से बचने के सभी उपाय भी लाचार नजर आ रहे हैं। यहां तक कि सरकार भी प्रदूषण के इन दुष्प्रभावों से निजात दिलाने में नाकाम ही नजर आ रही है।
लेकिन बढ़ते प्रदूषण से मुक्ति पाना सिर्फ सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि एक जिम्मेदार भारतीय नागरिक होने के नाते हमें भी अपने देश को प्रदूषण से बचाने के लिए कुछ खास कदम उठाने चाहिए।
हमें ऐसे काम करने चाहिए जिनसे हमारे देश का वातावरण साफ और स्वच्छ रहे। अगर हम सभी मिलकर ऐसा नहीं करेंगे तो हमारे देश की हवा में सांस लेना भी मुश्किल हो जायेगा।
हालांकि प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचने के लिए कुछ ऐसे प्राकृतिक उपाय भी हैं जिनकी मदद से आप प्रदूषण के कहर से अपने आपको और अपने परिवारजनों को बचा सकते हैं।
इनके लिए आपको कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं है बल्कि ये उपाय आपकी रसोई में ही उप्लब्ध होते हैं। सिर्फ इन आसान घरेलू नुश्खों को अपनाने से आप अपना और अपने परिवार का स्वास्थ्य ठीक रख सकते हैं।
खूब करें विटामिन-सी युक्त पदार्थों का सेवन-
विटामिन-सी हमारे शरीर को प्रदूषण से बचाने में बहुत सहायक है। विटामिन-सी पानी में घुलनशील होता है। इसीलिए ये हमारे शरीर के लिए सबसे शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में जाना जाता है।
अतः हमें विटामिन-सी युक्त पदार्थ जैसे गोभी, शलजम, हरा धनिया, आंवला, अमरूद और नींबू आदि का सेवन करते रहना चाहिए।
विटामिन-ई भी है जरूरी-
प्रदूषण से बचने के लिए विटामिन-ई का सेवन भी बहुत जरूरी है। इसके वसा में घुलनशील होने के कारण ये हमारे ऊतकों को नष्ट होने से बचाता है। साथ ही ये हमारे शरीर को प्रदूषण से प्रतिरक्षा भी प्रदान करता है।
विटामिन-ई का प्रमुख स्त्रोत खाना बनाने में प्रयोग किये जाने वाला तेल और सूरजमुखी तेल आदि हैं। इसके अलावा ये बादाम के तेल और जैतून के तेल आदि में भी मौजूद होता है।
गाजर और मूली के पत्तों का सेवन-
आपने अक्सर सुना या महसूस किया होगा कि प्रदूषण के कारण आपकी आंखों में जलन होने लगती है। इस जलन को नियंत्रित करने में बीटा कैरोटिन नामक एंटी-ऑक्सीडेंट बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बीटा कैरोटिन नामक एंटी- ऑक्सीडेंट मूली के पत्तों और गाजर में मुख्य रूप से पाया जाता है। इसलिए मूली के पत्तों और गाजर का सेवन भी बहुत जरूरी है।
ओमेगा-3 रखेगा फिट एंड फाइन-
वायु प्रदूषण से हमें सिर्फ सांस से जुड़ी बीमारियां ही नहीं बल्कि दिल की बीमारियां आदि भी हो सकती हैं। ऐसे में अपने दिल को स्वस्थ रखना भी बहुत जरूरी है।
ओमेगा-3 मैथी के बीज, सरसों के बीज और हरी पत्तेदार सब्जियों आदि में मौजूद होता है। इसके अलावा दिल को स्वस्थ रखने के लिए अखरोट और अलसी के बीज को दही में डालकर खाना भी काफी फायदेमंद साबित होता है।
हल्दी रखे आपको हेल्दी-
हल्दी में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं। या यूं कहें कि हल्दी औषधीय गुणों का खान होती है। हल्दी के औषधीय गुण हमें कई बीमारियों से बचाने के साथ ही वायु प्रदूषण से बचाने के काम भी आते हैं।
प्रदूषण से हमारे फेंफड़ों को काफी नुकसान पहुंचता है, जिससे बचाने में हल्दी काफी कारगर है। इसके अलावा हल्दी का घी के साथ सेवन करने से खांसी और अस्थमा जैसी समस्याओं में भी आराम मिलता है।
फेंफड़ों की समस्याओं से निजात दिलाये हरीतकी-
आयुर्वेदिक औषधी हरीतकी कड़वी और कसैली फूड से भरपूर होती है। अस्थमा के मरीजों के लिए इसका सेवन काफी लाभदायक होता है।
हरीतकी को गुड़ के साथ मिलाकर रात को सोने से पहले और उठने के बाद सेवन करने से कफ सम्बंधी समस्याओं में काफी आराम मिलता है।
बहुत गुणकारी हैं नीम की पत्तियां-
नीम हमारे शरीर से प्रदूषकों को अवशोषित करने का काम करता है। प्रतिदिन नीम की 5-6 पत्तियों के सेवन मात्र से हमारा प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है।
साथ ही इनके सेवन से हमारा खून भी साफ होता है।
तुलसी के पत्तों के हैं कई फायदे-
तुलसी के पत्ते भी नीम की तरह ही प्रदूषकों को अवशोषित करते हैं। तुलसी के पत्ते श्वसन तंत्र को प्रदूषकों से मुक्त करने में कारगर होते हैं।
प्रतिदिन 5-6 तुलसी के पत्तों के सेवन से हमारा श्वसन तंत्र मजबूत होता है।
अनार का जूस भी है उपयोगी-
अनार फाइबर, विटामिन-सी और विटामिन-के का एक बहुत अच्छा माध्यम है। खून की कमी के रोगियों के लिए अनार का सेवन बहुत उपयोगी है।
अनार के दानों में पॉलीफिनॉल होता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। अनार हमें दिल से जुड़ी बीमारियों से भी बचाता है। साथ ही ये हमारे इम्यून सिस्टम को दुरुस्त करता है।
प्रदूषण से राहत दिलाये भाप-
प्रदूषण से बचने के लिए भाप बहुत ही कारगर उपाय है। भाप लेने से प्रदूषक तत्वों का हमारे शरीर पर हानिकारक प्रभाव नहीं होता है।
बल्कि भाप लेने से ये सारे प्रदूषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। यूकेलिप्टस या पुदीने की 4-5 बूंदे पानी में मिलाकर भाप लेने से और जल्दी फायदा होता है।