Dark Light

अक्सर आपने कर्ड और योगर्ट के बारे में कई प्रकार की बातें सुनी होगी। यह दोनों ही देखने में एक जैसे लगते हैं, और आमतौर पर यदि लोगों से इनके बारे में पूछें तो वे इस विषय पर अपनी अलग-अलग राय रखते हैं।

इस विषय पर कई लोगों की आम धारणा यह है की दही को भारत में कर्ड कहा जाता है, जबकि इसे अमरीकी या पश्चिमी देशों में योगर्ट कहा जाता है। इसी प्रकार एक और मान्यता  लोगों के बीच इस प्रकार है कि जब दही गाड़ा होता है तब इसे योगर्ट कहा जाता है।

किंतु वास्तव में यह दोनों ही धारणाएं गलत है। किंतु यदि यह गलत है तो फिर इन में अंतर क्या है? आइए जाने कि वह क्या चीज है जो इन दोनों को अलग करती है।

कर्ड अथवा योगर्ट दोनों ही असल में अलग-अलग प्रकार के दही के नाम है।  वास्तव में यह दोनों ही दही है किंतु इनमें एक पतली सी लकीर भर का अंतर है। इस अंतर को समझने के लिए आपको पहले यह जानना आवश्यक है की दही बनता कैसे है अथवा किस वजह से दूध गाढ़ा होकर दही में प्रवर्तित हो जाता है।

दही जमाने की प्रक्रिया बहुत ही आसान है। इसके लिए पहले  दूध को एक बार उबालना पड़ता है और उसके बाद इसे थोड़ी देर के लिए छोड़ दिया जाता है ताकि यह 30 से 40 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर आकर गुनगुना हो जाए।

इसके बाद इसमें थोड़ा सा  दही मिलाकर रख दिया जाता है और कुछ ही घंटों  के बाद आपको ताजा दही तैयार मिल जाता है। अब यह तो  दही जमाने की प्रक्रिया है किंतु अब यह जानते हैं की यह दही जमता किस वजह से है।

जब आप दही को गुनगुने दूध में मिलाकर रख देते हैं तो असल में आप दही में मौजूद Lactic acid bacteria अथवा lactobacillus bacteria  दूध में डाल रहे होते हैं।

दही में मौजूद यह Lactic acid bacteria धीरे धीरे अपनी संख्या को बढ़ाता जाता है, जिसके परिणाम स्वरूप दूध में खमीर उठने लगता है और जैसे-जैसे यह संख्या अधिक होती जाती है वैसे ही आपका दही जम  कर तैयार हो जाता है।

अगर हम प्रक्रिया की बात करें, तो कर्ड और योगर्ट दोनों में ही समान प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है। किंतु जो चीज इन्हें अलग करती है वह है इस प्रक्रिया में दूध में मिलाए जाने वाला बैक्टीरिया।

कर्ड और योगर्ट में अंतर Difference between curd and yogurt

जिस प्रकार कर्ड में  Lactic acid bacteria  मिलाया जाता है उसी प्रकार योगर्ट में भी इसे मिलाया जाता है। किंतु योगर्ट में इस बैक्टीरिया के अलावा दो अन्य प्रकार के बैक्टीरिया और मौजूद होते हैं।

Lactobacillus bulgaris अथवा Streptococcus thermophilus वे दो प्रकार के अन्य बैक्टीरिया हैं जिनका इस्तेमाल योगर्ट को बनाने के लिए किया जाता है। यही बैक्टीरिया की मौजूदगी तय करती है कि वह दही कर्ड है या योगर्ट।

यह अन्य दो प्रकार के बैक्टीरिया वैज्ञानिकों द्वारा विशेष लैब में तैयार किए जाते हैं। इन दोनों बैक्टीरिया से दही जमाने के लिए निर्धारित मात्रा का विशेष ध्यान रखा जाता है।

एक निर्धारित मात्रा के दूध में यह बैक्टीरिया निर्धारित मात्रा में ही मिलाया जाता है। और इन बैक्टीरिया द्वारा जमाया गया दही योगर्ट कहलाता है।

नीचे दी गई टेबल के माध्यम से आप इसे और आसानी से समझ सकते हैं कि कल और योगर्ट में क्या क्या अंतर होते हैं।

CurdYogurt
यह आराम से घर में जमाया जा सकता हैइसे फैक्ट्रियों में विशेष देखरेख में बनाया जाता है
इस प्रक्रिया में दही लैक्टोबैसिलस नाम के बैक्टीरिया द्वारा जमता हैजबकि इस प्रकार के दही में लैक्टोबैसिलस के अलावा lactobacillus bulgaricus अथवा Streptococcus thermophilus नाम के दो अन्य बैक्टीरिया का इस्तेमाल होता है।
यह दही हर बार एक सा नहीं जमता क्योंकि इसमें मौजूद बैक्टीरिया कई बार इतनी मात्रा में नहीं होता है कि दही को सही प्रकार से जमा सके। इसी कारण कई बार दही पतला या फटा हुआ जमता है।क्योंकि यह दही फैक्ट्रियों में विशेषज्ञ द्वारा लैब में निर्मित विशेष प्रकार के बैक्टीरिया से जमाया जाता है इसलिए यह दही अच्छी तरह जमा हुआ अथवा घर के दही से ज्यादा पौष्टिक होता है।

दही से जुड़ी कुछ अन्य  रोचक बातें। Some interesting facts about Curd

आजकल बाजार में एक और प्रकार का दही मिलता है जिसे प्रोबायोटिक योगर्ट (Probiotic Yogurt) कहा जाता है। अब  कर्ड और योगर्ट तक तो ठीक था किंतु यह प्रोबायोटिक योगर्ट आखिर क्या है?

इसे जानने से पहले हमें यह जानना होगा कि आखिर दही के इतने पुकार क्यों हैं?

असल में दही एक पौष्टिक आहार है। और दही में मौजूद बैक्टीरिया ही इसे हमारे शरीर के लिए पौष्टिक बनाता है। जैसा कि हमने ऊपर जाना के कर्ड और योगर्ट में अलग-अलग प्रकार के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। किंतु यह बैक्टीरिया काम क्या करते हैं?

दही में मौजूद बैक्टीरिया जब जीवित अवस्था में हमारे पेट में जाते हैं तो यह  हमारे आमाशय अथवा  आंतों  को स्वस्थ रखने का कार्य करते हैं। यदि यह बैक्टीरिया हमारे शरीर में जाने पर जीवित नहीं रहते तो इनसे मिलने वाला लाभ हमें नहीं मिलता है।

इसी वजह से दही के यह तीन प्रकार कर्ड, योगर्ट अथवा प्रोबायोटिक योगर्ट मौजूद हैं। इन तीनों में  पाए जाने वाले बैक्टीरिया का जीवन काल एवं प्रतिरोधक क्षमता अलग-अलग होती है।

और इन तीनों में यह प्रोबायोटिक योगर्ट में सबसे अधिक होती है। इसीलिए प्रोबायोटिक योगर्ट स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है। प्रोबायोटिक्स योगर्ट में मौजूद बैक्टीरिया इतना ताकतवर होता है कि यह हमारे पेट में मौजूद विभिन्न प्रकार के  एसिड जैसे गैस्ट्रिक एसिड, बाइल जूस अथवा अन्य प्रकार के तरल (जो खाने को पचाने के लिए हमारी शरीर से निकलते हैं) में भी जीवित  रहता है। 

इसीलिए जब यह जीवित अवस्था में हमारे शरीर में पहुंचता है  तो यह  हमारे पेट में मौजूद एसिड की मात्रा को भी नियंत्रण में रखता है और हमारी आंतों को स्वस्थ रखता है।

जिस दूध में यह बैक्टीरिया एक उचित मात्रा अथवा गुणवत्ता के साथ मिलाया जाता है उस दूध से जमी दही को प्रोबायोटिक योगर्ट कहते हैं।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Related Posts

कई बीमारियों से हमें बचाता है टमाटर जानें इसके आश्चर्य चकित करने वाले लाभों के बारे में

टमाटर को आमतौर पर सब्जी और कई व्यंजनों में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा आप टमाटर को…