अस्थमा एक श्वास संबंधी बीमारी है | अस्थमा के रोगियों को मौसम परिवर्तन की कई समस्याओ का सामना करना पड़ता है| इतना ही नही अस्थमा के रोगियों को धूल , मिटटी, प्रदूषण, इत्यादि से बचकर रहना पड़ता है|
अगर आप को अस्थमा है तो आपको अस्थमा का उपचार के लिए आम तौर पर दवाइयों का ही प्रयोग किया जाता है, लेकिन जिन व्यक्तियों पर अस्थमा को दवाई काम करना ही बंद कर देती है जिस कारण वश में उस व्यक्ति को इन्हेलर दिया जाता है इतना ही नहीं जिन व्यक्तियों को अस्थमा की शिकायत है उन्हें लापरवाही नहीं करनी चाहिए, अपने पूरे खाने पीने का ख्याल रखना पड़ता है|
अस्थमा में काफी को लेने की भ्रान्ति –
वैसे में अस्थमा के रोगियों को डॉक्टर चाय और कॉफ़ी से परहेज रखने को कहता है, अभी तक हम आम आदमियों का भी यही विचार था कि वाकई में अस्थमा के रोगियों को चाय और कॉफ़ी अस्थमा के रोगियों को नुकसान पहुचा सकती है लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है ,दरअसल अस्थमा से जुड़े हुए भ्रम है अब हम यह जानने की कोशिश करे कॉफ़ी से अस्थमा का इलाज कैसे संभव है|
यह सच है कि हम अब अस्थमा की रोगियों को कॉफ़ी आराम से दे सकते है बिना किसी शंका के, क्योकि अस्थमा के रोगियों के लिए नुकसान पहुचाने के अलावा यह कॉफ़ी फायदा दे सकती है |
आप जानते है की हाल ही में एक शोध में यह बात सामने आ चुकी है कि कैफीन में जो तत्व मौजूद है उसमे अस्थमा की दवा हो सकती है|
इस दवा के इस्तेमाल से अस्थमा के रोगियों द्वारा अस्थमा नियंत्रण के लिए किया जाता है और कुछ शोधो के द्वारा अस्थमा से बहुत परेशान व्यक्तियों की कॉफ़ी दी गई है, जिससे सकारात्मक रूप में हमें प्रभावी लक्षण पाये गए है यानी की अब आप भी अस्थमा के रोगियों को कॉफ़ी के उपचार में आप भी कॉफ़ी का सेवन कर सकते है|
ध्यान रखने योग्य बाते –
सबसे पहले आप यह बात सुनिश्चित कर ले कि आपको कैसी कॉफ़ी पीनी है|
अस्थमा के मरीज अपने पसंद की कॉफ़ी ले जिससे कि आपको स्वाद आए और आपको ऐसा प्रतीत न हो कि आप किसी के कारण कॉफ़ी का सेवन कर रहे है जब आपको यह लगे कि आपको अस्थमा बीमारी की आशंका है या फिर अटैक पड़ने की लक्षण दिखे तो आप एक कॉफ़ी बनाइये और आप कॉफ़ी में १/३ हिस्सा ही कॉफ़ी को पिए.
वैसा आप कॉफ़ी का इस्तेमाल करेगे तो आपको भरपूर मात्रा में कैफीन मिल जायेगा जब आपने कॉफ़ी पी ली है, तो हमें १० मिनट के बाद तक इन्तजार करे और आप इसे बात पर ध्यान जरुर रखे कि कॉफ़ी पीने पर आपके कोई सकारात्मक प्रभाव दिखाई दे रहा है, अगर कॉफ़ी पीने पर कोई असर नहीं दिखाई दिया तो आप फिर से १/३ कॉफ़ी फिर से बना कर पीनी होगी, एक बार आपको फिर से १० मिनट के अन्दर यह महसूस करे की आपको दूसरी कॉफ़ी पीने का क्या प्रभाव पड़ा |
आप अगर एक भी अस्थमा के लक्षणों को महसूस कर रहे है और आपके पास कोई मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं है तो आपको फिर से थोड़ी बहुत कॉफ़ी का सेवन फिर से करना पडेगा फिर उसके बाद आप आराम करे आप अब तीसरी बार कॉफ़ी पी चुके है अब आप कैसा महसूस कर रहे है इस पर अब ध्यान दे ( इतना कुछ करने पर भी अस्थमा के रोगियी को आराम नही मिलता तो आप यह देखिये की अस्थमा के लक्षण कैसे है इतने पर भी आपकी हालत बहुत ख़राब हैं तो आपको और भी मेडिसन की जरूरत पड़ सकती है|
हमारे कहने का अर्थ यह है कि यदि हम अस्थमा के शुरुआत में इसके लक्षण पहचाने ले तो आपको कॉफ़ी से ही आराम मिल सकता है यदि आपकी हालत बहुत ज्यादा बिगड़ गई हो तो यह कॉफ़ी से ही पता लगाया जा सकता है की कॉफ़ी पीने से आपके ऊपर कोई असर नहीं है आपको हालत ज्यादा बिगड़ गई है |
यह बीमारी किसी उम्र में हो सकती है इस बीमारी का कोई समय नही है अस्थमा की बीमारी बच्चो में भी हो जाती है यह अस्थमा की बीमारी बहुत देती है| अस्थमा की बीमारी जब व्यक्तियों को बढ़ जाती है तो उन्हें साँस लेने और निकलने में भी रोगियों को बहुत परेशानी बढ़ जाती है| इस बीमारी में खांसी आने लगती है|
नाक से जब हम साँस लेते है तो नाक बजने लगता है सुबह और शाम में मौसम ठंडा होता है उस समय पर अस्थमा के रोगी को साँस लेने में परेशानी होती है इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक करना मुश्किल है|
इस बीमारी में हम एलर्जी से बच के रहे ध्रूमपान गन्दगी दूषित हवा अपना बचाव करना चाहिए हमें ज्यादा कसरत नही करनी चाहिए मानसिक तनाव के वजह से काफी तकलीफ होती है अस्थमा की बीमारी परहेज खानपान में इलर्जी से बचे और अपनी दवा , समय पर लेना चाहिए जिससे भी व्यक्ति सामान्य जीवन जी सके |